Start of year 2022 ,January 01, Saturday is very good beginning of starting of manglacharan of Sunderkand to make our life beautiful . Update Jan 06 2022 . I have came across so details explanation from Morari Bapu Katha in Toronto in 2016 how beautifully he explained manglachar in English and Hindi . I have updated the blog to enrich our knowledge and understanding how to beautify our life from Sunderkand
वर्ष 2022 की शुरुआत, 01 जनवरी, शनिवार हमारे जीवन को सुंदर बनाने के लिए सुंदरकांड के मंगलाचरण की शुरुआत की बहुत अच्छी शुरुआत है। अपडेट 06 जनवरी 2022। मुझे 2016 में टोरंटो में मोरारी बापू कथा से इतनी विस्तृत व्याख्या मिली है कि उन्होंने अंग्रेजी और हिंदी में मंगलाचार को कितनी खूबसूरती से समझाया। मैंने अपने ज्ञान को समृद्ध करने और अपने जीवन को सुंदर बनाने के लिए सुंदरकांड के सुंदरकांड मंगलाचरण से हमारे जीवन को सुशोभित करने के तरीके को समझने के लिए ब्लॉग को अपडेट किया है। 06 जनवरी 2022 --->> मुझे 2016 में टोरंटो में मोरारी बापू कथा से इतनी विस्तृत व्याख्या मिली है कि उन्होंने अंग्रेजी और हिंदी में मंगलाचार को कितनी खूबसूरती से समझाया। मैंने अपने ज्ञान को समृद्ध करने और सुंदरकाण्ड से अपने जीवन को सुशोभित करने के तरीके को समझने के लिए ब्लॉग को जोड़ा है( please read towards end after 1 hr .45 minutes ) This is link that has information in todays blog.
Many great people say that each sloka in Ramayan is like a mantra and reciting those slokas will generate power in us. I truly believe in it. Valmiki ji and Tulsidas ji has written slokas in such a way that they will have the mantra shakti.
रामायण का प्रत्येक श्लोक एक मंत्र के समान है और उन श्लोकों को पढ़ने से हमारे अंदर शक्ति उत्पन्न होगी। मैं वास्तव में इसमें विश्वास करता हूं। वाल्मीकि जी और तुलसीदास जी ने श्लोक इस प्रकार लिखे हैं कि उनमें मन्त्र शक्ति होगी।
If we can analyze the slokas of Ramayana they are the source of unlimited knowledge. I feel sage has kept a lot of hidden messages in slokas. If we can analyze and get the hidden message then it will really help us a lot
यदि हम रामायण के श्लोकों का विश्लेषण कर सकते हैं तो वे असीमित ज्ञान के स्रोत हैं। मुझे लगता है कि ऋषि ने नारों में बहुत सारे छिपे हुए संदेश रखे हैं। यदि हम छिपे हुए संदेश का विश्लेषण कर सकते हैं और प्राप्त कर सकते हैं तो यह वास्तव में हमारी बहुत मदद करेगा
Sage Valmiki has indirectly taught us the knowledge of Vedas in an easy way. He taught us Raja Yoga, Karma Yoga, and Bhakti yoga in an easy way by taking the examples of people. Not only this Valmiki has mentioned kingdoms, architectures, weapons, Vimaan (aeroplane), and many. I don’t think Valmiki might have talked about them to explain their beauty. Maybe Valmiki wants to give some knowledge to his coming generations. So Ramayan is a big source of knowledge for people who can seek it.
हमें राजयोग, कर्म योग और भक्ति योग को आसान तरीके से लोगों का उदाहरण लेकर। इतना ही नहीं वाल्मीकि ने राज्यों, वास्तुकलाओं, हथियारों, विमान (हवाई जहाज), और कई का उल्लेख किया है। मुझे नहीं लगता कि वाल्मीकि ने उनकी सुंदरता को समझाने के लिए उनके बारे में बात की होगी। शायद वाल्मीकि अपनी आने वाली पीढ़ियों को कुछ ज्ञान देना चाहते हैं। इसलिए रामायण उन लोगों के लिए ज्ञान का एक बड़ा स्रोत है जो इसे खोज सकते हैं
पंचम सोपान-मंगलाचरण
श्लोक :
* शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं
ब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम्।
रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिं
वन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूडामणिम्॥1॥
Santam sasvatamaprameyamanagham nirvanasantipradam
Brahmasambhuphanindrasevyamanisam vedantavedyamvibhum
Ramakhyam jagadisvaram suragurum mayamanusyam harim
Vande’ham karunakaram raghuvaram bhupalacudamanim || 1 ||
भावार्थ : शान्त, सनातन, अप्रमेय (प्रमाणों से परे), निष्पाप, मोक्षरूप परमशान्ति देने वाले, ब्रह्मा, शम्भु और शेषजी से निरंतर सेवित, वेदान्त के द्वारा जानने योग्य, सर्वव्यापक, देवताओं में सबसे बड़े, माया से मनुष्य रूप में दिखने वाले, समस्त पापों को हरने वाले, करुणा की खान, रघुकुल में श्रेष्ठ तथा राजाओं के शिरोमणि राम कहलाने वाले जगदीश्वर की मैं वंदना करता हूँ॥1॥
Meaning : I pray to the Lord of the Universe called Rama, chief of the Raghus, supreme amongst kings, a mine of loving tenderness, destroying all sins, visible in human form because of his maya (power of illusion), greatest of the deities, all pervading,worth knowing through Vedanta (the Upanishads) constantly served by Brahma, Shambhu and Sheshnag (the thousand-headed snake on which Vishnu sleeps), granting supreme bliss in the form of moksha or salvation, sinless, beyond mundane perception, eternal and calm.
* नान्या स्पृहा रघुपते हृदयेऽस्मदीये
सत्यं वदामि च भवानखिलान्तरात्मा।
भक्तिं प्रयच्छ रघुपुंगव निर्भरां मे
कामादिदोषरहितं कुरु मानसं च॥2॥
Nanya sprha raghupate hrdaye’smadiye
Satyam vadami ca bhavanakhilantaratma |
Bhaktim prayaccha raghupungava nirbharam me
Kamadidosarahitam kuru manasam ca || 2 ||
भावार्थ : हे रघुनाथजी! मैं सत्य कहता हूँ और फिर आप सबके अंतरात्मा ही हैं (सब जानते ही हैं) कि मेरे हृदय में दूसरी कोई इच्छा नहीं है। हे रघुकुलश्रेष्ठ! मुझे अपनी निर्भरा (पूर्ण) भक्ति दीजिए और मेरे मन को काम आदि दोषों से रहित कीजिए॥2॥
Meaning : I tell the truth, oh Lord of the Raghus! You very well know that there is no other wish in my heart since you are the inner soul of everyone. Oh chief of the Rahgus! Grant me absolute religious devotion for you and strip my mind of lust and other vices.
* अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥3॥
भावार्थ : अतुल बल के धाम, सोने के पर्वत (सुमेरु) के समान कान्तियुक्त शरीर वाले, दैत्य रूपी वन (को ध्वंस करने) के लिए अग्नि रूप, ज्ञानियों में अग्रगण्य, संपूर्ण गुणों के निधान, वानरों के स्वामी, श्री रघुनाथजी के प्रिय भक्त पवनपुत्र श्री हनुमान्जी को मैं प्रणाम करता हूँ॥3॥
Meaning : I bow to Shri Hanuman, son of the wind god,the lovable devotee of Shri Raghunath (Lord of the Raghus),the master of the monkeys,the trove of all virtues, best of the wise,equivalent to the blazing fire for destroying the forest of demons,with a body shining like the Sumeru mountain of gold,and the abode of immeasurable strength.
Atulit Bal Dhaamam, Hem Shailaabh Deham,
Danuj Van Krashaanum Gyaaninaam Agraganyam.
Meaning :- The center of immeasurable strength, possessing a body shining like a mountain of gold, A fire to consume the forest of the demon race, the foremost among the wisemen.
Sakal Gun Nidhaanam Vaanaraanaam Dheesham,
Raghupati Priy Bhaktam Vaat Jaatam Namaami.
Meaning :- House of all virtues, the chief of the monkeys, Bhagwan Shri Ram’s beloved devotee, I salute to the son of wind god (Shree Hanumanji).
सुंदरकांड की कथा में प्रारंभ में भगवान के स्वरूप का वर्णन किया गया, शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं।
भगवान का स्वरूप शांत , शाश्वत,सनातन, अप्रमेय (प्रमाणों से परे), निष्पाप, मोक्षरूप परमशान्ति देने वाले है।
उंसके बाद हनुमान जी की महिमा का वर्णन किया, बाद में हनुमान जी के स्वरूप बताया गया,अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं…. हनुमान जी अतुलित बलसाली है, सोने के पर्वत (सुमेरु) के समान कान्तियुक्त शरीर वाले है। हनुमानजी अतुलित बलसाली है उनकी बल की कभी तुलना नहीं की जा सकती, फिर भी वह अहंकार रहित हैं, उनके पास अहंकार नहीं है और जब यात्रा करते हैं तो भगवान की चरणों को आधार मानकर यात्रा करते हैं जब हम गुरु चरणों को आधार बना लेते हैं तो पार हो जाते हैं, फिर काम, क्रोध, लोभ, मोह ,मद,आदि विकार नही आते है । मैनाक पर्वत को हनुमान जी दूर से ही प्रणाम कर लेते हैं।
पूरी यात्रा के दौरान हनुमान जी भगवान के अमोघ बाण की तरह जाते हैं , लक्ष्य प्राप्ति मुख्य उद्देश्य होता है, राम काज कीन्हे बिना मोहि कहां विश्राम हनुमान जी जब तक राम का काम नही कर लेते है, तब तक विश्राम नही करते है, अपने आराध्य की काम को पहले ध्यान में रखते हैं। सार-हनुमान जी के इस कार्य से शिक्षा मिलती है कि जब हम कोई कार्य करने का निर्णय लेते हैं तो जब तक उसे नहीं किए रहते तब तक हमें अन्य जगह ध्यान नहीं देना चाहिए। जब हम अपने आराध्य के लिए भक्ति और समर्पण का भाव रखते है, भगवान स्वयं मार्ग बना देते है।
हनुमान जी को उसकी शक्ति का स्मरण जामवन्त जी दिलाते हैं, जब हम अपने मार्ग से भटक जाते हैं तो गुरु हमें सही मार्ग दिखाते हैं हमें अपने कर्तव्यों का स्मरण दिलाते हैं ।
Bhaiya aap ne jo hame itne saare jankari di uske liye aap Ko Dhanyawad Bhaiya
Hello Nilesh Thanks for investing time to read and appreciate this allow me motivated Also read yesterday post life moral
Beautifully explained
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