Hanuman ji learning from Swami Vivekanandji

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शुभ प्रभात। जय सीता राम जी और जय हनुमान जन्मोत्सव आज मनाया जा रहा है। मेरी कामना है कि आप सभी पर हनुमान जी की कृपा बनी रहे, संदेश के साथ हनुमान जी की 5 सीख हमारे जीवन में हनुमान जी के नैतिक सिद्धांतों को अपनाकर हमारे जीवन को सुंदर बनाएगी

श्री हनुमान जन्मोत्सव की आप सभी को बहुत बहुत बधाई एवं अभिनन्दन तथा ढेरों शुभकामनाएं

स्वामी विवेकानंद जी के रोल मॉडल-हनुमान जी

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स्वामी विवेकानंद जी के अनुसार वास्तव में हनुमान जी के भीतर कुछ बातें, कुछ खूबियां ऐसी हैँ जो युवाओं को किसी भी क्षेत्र में चरम पर पहुंचा सकती हैँ।

Many congratulations and best wishes to all of you on the occasion of Shri Hanuman Janmotsav.

Role model of Swami Vivekananda – Hanuman ji

According to Swami Vivekanand ji, in fact there are some things, some qualities within Hanuman ji which can take the youth to the peak in any field.

1)पहली बात हनुमान जी के चरित्र में यह हैँ कि वे रिवॉर्ड (मान-सम्मान) में नहीं बल्कि कॉन्ट्रिब्यूशन (योगदान) देने में रूचि रखते थे । आज के युवाओ के लिये यह बड़ी सीख हैँ कि सम्मान की आकांक्षा नहीं रखते हुए सोचिये कि किसी कार्य में आपका योगदान क्या रहा ।

1) The first thing in Hanuman ji’s character is that he was not interested in reward (respect) but in giving contribution (contribution). This is a great lesson for today’s youth that instead of aspiring for respect, think what was your contribution in any work.

2)दूसरी बात हनुमान जी सिखाते हैँ अपनी विनम्रता, अपनी थैंकफुलनेस हमेशा बनाकर रखिये। आप कितने ही बड़े बन जाय, कितने ही मान्य, पूज्य और विख्यात हो जाय, पर इसके पीछे जिन लोगों का योगदान रहा हैँ, उनका आभार मानने में, उन्हें धन्यवाद देने में कभी कमी न करे।

2) Secondly, Hanuman ji teaches you to always maintain your humility and your gratitude. No matter how big you become, no matter how respected, respected and famous you become, but never fail to thank the people who have contributed behind it, in thanking them.

3)तीसरी बात योजना बनाने में हनुमान जी गजब के दूरदर्शी थे। वर्तमान समय निर्माण से पहले योजना का युग हैं इसलिये बिना योजना के कोई कार्य न किया जाय।

3) Thirdly, Hanuman ji was an amazing visionary in planning. Present time is the era of planning before construction, so no work should be done without planning.

4)चौथी खास बात हनुमान जी रिस्क लेने में बहुत दक्ष थे, बिना रिस्क के सफलता संभव नहीं होती।

4) The fourth special thing is that Hanuman ji was very skilled in taking risk, success is not possible without risk.

5)पांचवी बात हनुमान जी जो कहते हैँ, वह करते हैँ । हर काम को अंजाम पर पहुँचाने की शिक्षा देते हैँ ।

5) The fifth thing is that whatever Hanuman ji says, he does. He teaches you how to accomplish every task

Conclusion

यही सीखना हैँ कि जो भी काम, चुनौती या जिम्मेदारी हाथ में ले तो उसे हर हाल में पुरे परिश्रम से पूर्ण करे।

This is to be learned that whatever work, challenge or responsibility is taken in hand, in any case, complete it with full hard work.